साड़ी में किसी औरत को देख कर तकरीबन सभी लोग एक ही अनुमान लगाते हैं कि ये साधारण औरत होंगी. लेकिन आपने सपने में भी कभी नहीं सोचा होगा कि कोई औरत साड़ी पहन कर 13,000 फीट की उचाई से छलांग लगा सकती है . अब आपने सपने में सोचा या नहीं लेकिन ये कारनामा सच में हुआ है. जिसने किया है उनका नाम है शीतल महाजन. शीतल महाजन राणे ने पारंपरिक महाराष्ट्रन नौवारी साड़ी में 13,000 फीट से छलांग लगाई है.
शीतल का कहना है कि वे दुनिया के तमाम मंचों पर भारत को एक जगह देना चाहती हैं और इसके लिए उनको किसी स्पॉन्सरशिप की भी जरूरत है. शीतल ने बताया कि भारत सरकार उनकी मदद नहीं कर रही हैं और ये सारे कारनामे वे अपने पैसेों से कर रही हैं.
पुणे की महिला शीतल महाजन ने साड़ी पहने हुए 13 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर एक नया कीर्तिमान रच दिया है. शीतल ने पहली बार बिना किसी ट्रेनिंग के उत्तरी ध्रुव पर माइनस 37 डिग्री तापमान में 2,400 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी. 35 वर्षीय शीतल के नाम कई सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कीर्तिमान दर्ज हैं. इस बार उन्होंने नौ गज की परंपरागत मराठी नौवारी साड़ी पहनकर थाईलैंड के थाई स्काईडाइविंग सेंटर से 13,000 फीट की उंचाई से छलांग लगाई.
शीतल बताती है ‘मैं हमेशा से स्काईडाइविंग के साथ कुछ अलग करना चाहती थी. मेरे नाम 17 नेशनल और 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हैं. मैं हमेशा से स्काईडाइविंग के क्षेत्र में कुछ न कुछ नया करती रहती हूं. मैं दिखाना चाहती थी कि भारतीय महिलाओं को अगर मौका दिया जाए तो वे बहुत कुछ कर सकती हैं.’ शीतल ने बताया कि जब उन्होंने उत्तरी ध्रुव पर छलांग लगाई थी तो भी उनका मकसद यही था. जब शीतल से पूछा गया कि उन्हें किस बात ने महाराष्ट्र की साड़ी पहनकर हवा में छलांग लगाने की प्रेरणा दी तो उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने सारे रिकॉर्ड्स भारत को समर्पित कर दिए हैं क्योंकि मैं भारत की बेटी हूं.’
उन्होंने कहा, ‘हाल ही में जनवरी महीने के पहले सप्ताह में मराठी वीक सेलिब्रेशन मनाया गया था. तभी मेरे मन में यह ख्याल आया कि अभी तक किसी ने साड़ी पहनकर हवा से छलांग नहीं लगाई. मुझे लगा कि मैं ये काम कर सकती हूं और इसके बाद मैंने नौवारी साड़ी पहनकर स्काईडाइविंग करने का फैसला लिया.’ नौवारी साड़ी पेशवा के काल से ही प्रचलन में है. हालांकि ऐसा करना थोड़ा रिस्की भी था, लेकिन शीतल ने इसे अच्छी तरह अंजाम दिया.
सबसे बड़ी बात उन्हें पहले साड़ी में स्काईडाइविंग करने की इजाजत नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने थाईलैंड में अपने निर्देशक को किसी तरह मनाया. दूसरे दिन जब वे स्काई डाइविंग करने पहुंचीं तो खराब मौसम की वजह से फिर से यह टल गया. लेकिन अगले दिन उनका सपना कामयाब हुआ और उन्होंने 13,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर एक नया कीर्तिमान रच दिया.
दो जुड़वा बच्चों की मां शीतल राणे महाजन ने अब तक 18 राष्ट्रीय स्तर के स्काइडाइविंग रिकार्ड स्थापित किए हैं. इसके अलावा इनके नाम पर छह अंतर्राष्ट्रीय रिकार्ड, पूरे विश्व में 704 जंप लगाने का रिकार्ड है. उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित किया गया है.
भारत सरकार ने भी शीतल को उनकी उपलब्धियों के लिए 2011 में देश के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया है, लेकिन शीतल इतने से खुश नहीं हैं. वह कहती हैं, “मैंने 2017 में सभी सात महाद्वीपों में स्काइडाइविंग कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. मैं ऐसा करने वाली पहली महिला हूं, लेकिन सरकार से सराहना का एक शब्द सुनने को नहीं मिला. बुरा लगता है कि पूरी दुनिया आपको सराह रही है, लेकिन आपकी सरकार चुप्पी साधे बैठी है.”
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