नई दिल्ली: दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से मारपीट करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को पुलिस ने बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. यहां पुलिस ने दोनों विधायकों की पुलिस रिमांड की मांग रखी, जिसे कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया.
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि प्रकाश जारवाल और अमानतुल्ला को एक साथ बैठाकर पूछताछ करने और चीफ सेक्रेटरी से मारपीट करने के पीछे क्या उद्देश्य था. इस बारे में भी पुलिस जांच करने के लिए दो दिन की पुलिस रिमांड चाहती है. लेकिन जज ने उसे कैंसिल कर दिया.
चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में एक मीटिंग के दौरान उनसे गाली-गलौज की गई. मारपीट की गई. आरोप आप विधायकों पर लगा. एक हैं प्रकाश जारवाल और दूसरे अमानतुल्लाह खान. पुलिस ने देवली से विधायक प्रकाश जारवाल को तो गिरफ्तार कर लिया था. मगर ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह फरार चल रहे थे. पुलिस ने उनके घर पर दबिश भी दी, लेकिन वो घर पर नहीं मिले.
Alleged assault of Delhi Chief Secy: AAP MLA Amanatullah Khan reaches Jamia Nagar Police Station, says that he has come to surrender, also added that, ‘I have not done anything wrong.’ pic.twitter.com/enQIO7CKSM
— ANI (@ANI) February 21, 2018
आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच मुख्य आरोपी विधायक अमानतुल्लाह ने आज जामिया नगर थाने में सरेंडर कर दिया. वो पैदल ही सरेंडर करने पहुंचे. आरोप लगाया कि ये सब बीजेपी की साजिश है. उसके नेताओं के इशारे पर ये सब हो रहा है. वो बेकसूर हैं. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उन्होंने अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार किया है. उन्हें उत्तरी दिल्ली ले जाया जा रहा है, क्योंकि इस मामले में केस वहीं दर्ज है. उनकी गिरफ्तारी वहीं की जाएगी.
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के बाद दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. वहीं, पुलिस के मुताबिक मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में उनके चेहरे पर कट का निशान और कंधे पर चोट के निशान पाए गए हैं.
Alleged assault of #Delhi Chief Secy Anshu Prakash: FIR lodged under Sections 186 (obstructing a public servant from performing the duty), 353 (assaulting a public servant), 323 (voluntarily causing hurt), 342, 504, 506(2) & 120b & 34. pic.twitter.com/NL3kytA0jY
— ANI (@ANI) February 20, 2018
क्या कहा गया एफआईआर में-
एफआईआर के मुताबिक, मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन ने मुख्य सचिव को सोमवार की रात 9:45 बजे फोन पर कहा कि सरकार के तीन साल पूरा होने पर कुछ टीवी विज्ञापनों के प्रसारण में हो रही देरी पर बातचीत करनी है. तो आज रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पहुंचना है. वहां सीएम व उप मुख्यमंत्री उनसे विचार-विमर्श करेंगे. जैन ने रात नौ बजे और फिर घंटे भर बाद भी फोन किया. इससे पहले शाम 6.55 बजे उप मुख्यमंत्री ने भी उन्हें फोन कर रात 12 बजे सीएम आवास आने को कहा. रात 11.20 बजे जैन ने फिर फोन किया और कहा फौरन चले आएं.
सीएम आवास पर पहुंचने पर मुख्य सचिव को जैन मिले और उन्हें एक कमरे में ले गए. वहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 11 विधायक और कुछ लोग और थे. मुख्य सचिव तीन सीट वाले सोफे पर अमानतुल्लाह के साथ बैठे थे. बात हो रही थी कि अचानक एक विधायक ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.
जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से विज्ञापन पास करने में हो रही देरी पर विधायकों के सवालों का जवाब देने को कहा. जिसपर अंशु प्रकाश ने कहा कि विज्ञापन का प्रसारण सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश पर ही संभव है. इस पर कई विधायक चिल्लाने और गालियां देने लगे. एक ने धमकाया कि विज्ञापन रिलीज नहीं हुए तो पूरी रात बंदी बना लेंगे, साथ ही एससी-एसटी एक्ट में फंसा देंगे.
एक विधायक ने जातिसूचक शब्द कहते हुए जान से मारने की धमकी देनी शुरू कर दी. इसी दौरान सोफे पर बैठे अमानतुल्लाह व एक अन्य विधायक मुख्य सचिव को पीटने लगे. उन्हें सिर पर मारा गया, जिससे उनका चश्मा गिर गया. वह लिफ्ट की ओर बढ़े तो अमानतुल्लाह ने खींचकर माराने लगे. उनका मोबाइल फोन तोड़ दिया गया. अंशु प्रकाश, किसी तरह जान बचाकर कमरे से भागे और बाहर अपनी गाड़ी लेकर वहां से निकल गए.
इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्य सचिव के आरोपों को निराधार बताया है. आप के मुताबिक, मारपीट नहीं हुई. मुख्य सचिव को दिल्ली में आधार को राशन कार्ड से जोड़ने में आ रही दिक्कतों पर वार्ता के लिए बुलाया गया था.
एक विज्ञापन से हुआ विवाद-
दिल्ली सरकार के तीन साल पूरे होने पर एक वीडियो विज्ञापन बनाया गया था. इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बोल रहे हैं “दिल्ली में तीन वर्षों में दिल्ली में भ्रष्टाचार में भारी कमी आई है. अब एक-एक पैसा जनता के विकास पर खर्च हो रहा है. बाधाएं बहुत आई हैं, पर आपके हक के लिए हम हर कठिनाई से लड़े. ईश्वर ने हर कदम पर साथ दिया. जब आप सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं“
इस विज्ञापन की आखिरी लाइन दिल्ली सरकार के अफसरों को पसंद नहीं आई. इस लाइन को सर्टिफाई करने से अफसरों ने इनकार कर दिया. अफसरों का कहना था कि आखिर ब्रह्मांड की ये दृश्य और अदृश्य शक्तियां किस विभाग के तहत आती हैं.